Ahoi ashtami vrat vidhi in hindi
Ahoi ashtami vrat vidhi, अहोई अष्टमी की व्रत विधि और अहोई अष्टमी कब है. इसकी जानकारी हम यहां पर देने जा रहे है. अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता की पूजा करते है. इस दिन महिला व्रत रखती है. यह व्रत की संतान के लिए किया जाता है. संतान की रक्षा और उनकी आयु के लिए प्रार्थना की जाती है, अगर किसी के संतान नहीं हो पा रही है. वह भी यह व्रत कर सकती है. यह व्रत बहुत अच्छा माना जाता है.
अहोई अष्टमी व्रत विधि :- Ahoi ashtami vrat vidhi in hindi

यह (अहोई अष्टमी) हर साल पर्व के रूप में मनाया जाता है. अगर हम इस व्रत की बात करते है तो यह व्रत भी कठिन माना जाता है. अहोई अष्टमी के दिन माता अपनी संतान के लिए लम्बी उम्र के लिए व्रत करती है. रात के समय में तारो को जल अर्पित किया जाता है. उसके बाद ही यह व्रत खोला जाता है. अहोई अष्टमी की तिथि को अहोई माता की पूजा करते है. यह व्रत इस बार 17 अक्टूबर 2022 में किया जाएगा.
अहोई अष्टमी की जानकारी :-
यह {अहोई अष्टमी} व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. यह व्रत संतान की लम्बी उम्र के लिए किया जाता है. ऐसा माना जाता है. इस दिन व्रत को रखने से अहोई माता प्रसन्न होती है. और संतान को आशीर्वाद प्रदान करती है. यह व्रत बहुत ही अच्छा माना जाता है. अगर जिनकी संतान की लम्बी उम्र नहीं हो पा रही है. वह भी इस व्रत को रख सकती है. जिससे अहोई माता का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है.
अहोई अष्टमी की व्रत विधि :-
इस व्रत को करने के लिए सुबह ही स्नान करके पूजा की जाती है. अहोई माता की आकृति को दिवार पर बनाया जाता है. इसे बनाने के लिए आप लाल रंग या गेरू का प्रयोग कर सकते है. उसके बाद जब सूर्यास्त के बाद तारे निकल जाते है. उसके बाद पूजा की शुरुवात की जाती है. पूजा के समय आपको एक चांदी या सफ़ेद धातु की अहोई लेनी है. एक जल से भरा हुआ कलश, चांदी की मोती माला, दूध-भात, हलवा, पुष्प, दीप रखना होता है.
उसके बाद आप अहोई माता की रोली, पुष्प, दीप से पूजा करते है. उन्हें दूध भात अर्पित करते है. उसके बाद हाथ में गेहू के सात दाने और कुछ दक्षिणा लेकर अहोई माता की कथा सुनते है. कथा के बाद माला को गले में पहना जाता है. गेहू के दाने सासु माँ को देना होता है. उसके बाद आशीवार्द लेना होता है. तारो को जल देकर भोजन ग्रहण किया जाता है.
संतान प्राप्ति की प्रार्थना :-
अगर आप भी संतान का सुख पाना चाहते है. तो इस दिन आप अहोई माता और शिव जी को दूध और भात का भोग जरूर लगाए, उसके बाद चांदी की नो मोतियां लेकर उन्हें लाल धागा में पिरो कर माला बनाये. उसके बाद आप अहोई माता को अर्पित कर दे. [अहोई माता] से संतान की प्राप्ति के लिए प्रर्थना जरूर करे. पूजा के बाद संतान और उसके जीवन साथी को दूध भात जरूर खिलाये. अगर बेटे को संतान नहीं है. बेटी को माला जरूर धारण कराये.
अहोई अष्टमी शुभ मुहूर्त :-
अष्टमी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 17, 2022 को 09:29 AM बजे
अष्टमी तिथि समाप्त – अक्टूबर 18, 2022 को 11:57 AM बजे
Ahoi ashtami vrat vidhi, हमे उम्मीद है आपको यह “अहोई अष्टमी” की जानकारी पसंद आयी होगी. अगर आपको यह जानकारी पसंद आयी है. तो आप इस जानकारी को आगे भी शेयर कर सकते है.
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